Not known Factual Statements About Shodashi
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
The Navratri Puja, By way of example, involves establishing a sacred House and performing rituals that honor the divine feminine, with a deal with meticulousness and devotion that's thought to deliver blessings and prosperity.
चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
ह्रींमन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं
This mantra can be an invocation to Tripura Sundari, the deity remaining dealt with Within this mantra. It's a request for her to satisfy all auspicious dreams and bestow blessings on the practitioner.
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
ఓం శ్రీం హ్రీం క్లీం ఐం సౌ: ఓం హ్రీం శ్రీం క ఎ ఐ ల హ్రీం హ స క హ ల హ్రీం స క ల హ్రీం సౌ: ఐం క్లీం హ్రీం శ్రీం
Celebrated with fervor all through Lalita Jayanti, her devotees find her blessings for prosperity, knowledge, and liberation, discovering solace in her many more info types plus the profound rituals related to her worship.
देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता
Ignoring all caution, she went to your ceremony and located her father had commenced the ceremony without having her.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि